प्रभु श्रीनाथजी के ब्रज स्वरूप सुरम्य नगरी में सुन्दरी के कलात्मक व भावनात्मक के प्रतीक कई उद्यान है इन सारे उद्यानों को श्रीनाथजी के विहार स्थल के रूप में बनवाये गये थे । जहां श्रीनाथजी की लीलाओं के परिद्रशय आज भी दृष्टिगोचर होते है ।
यहां के सारे उद्यान वल्लभ परिवार की निजी सम्पति थे किन्तु नि.ली. ति. गो. श्रीगोविनन्दलालजी महाराज श्री ने अधिकतर उद्यान जन हित में सरकार व समाज को सौंप दिये | तीर्थ स्थान होने से पर्यटक , धार्मिक तीर्थयात्री इन उद्यानों को देखकर आनन्दित हो जाते है |
यहाँ के उद्यानों में " लालबाग" प्रमुख है । इन उद्यानों में मूर्तिकल, चित्रकला व उद्यानकला दर्शनीय है । इसी में एक महाराजश्री का महल है पीछे खेल का बड़ा मैदान है वर्तमान में खेल मैदान भारत सरकार व राज्य सरकार के खेल विभाग के सहयोग से विस्तृत्त रूप में विकसित किया गया है । यहाँ राष्ट्रीय व राजय स्तर की प्रतियोगिताएँ तथा सौम्यज्ञादिकार्य किये जाते है ।
यहाँ के महल में " श्रीनाथजी म्यूजियम" है जिसमें श्रीनाथजी मन्दिर से जुड़े पुराने रथ, पुराने सामान आदि संगृहीत कर यात्रियों के दर्शनार्थ हेतु रखे हुए है |
बगीचे के मध्य में " श्रावण भादवा" नाम का बगीचा है जहां कलात्मक ढंग के फव्वारे एवं लता पतादि का मनोरथ रूप दिखाई देता है | बाग़ के मध्य में जल का फव्वारा है इसके पास एक तिबारी है | आगे लीला विहार श्रीकृष्ण की मूर्तियां बनाकर वाटिका के सामान को सुसज्जित बनाया गया है इसी के पास कैलास पर्वत के शिवजी का प्राकृतिक रूप में गंगावरुण का दृश्य बनाया गया है | बाग में श्रीठाकुरजी पधराकर कई मनोरथ आयोजित किये जाते है | यहां सार्वजनिक मेले भी लगते है | यहां तुलसी , जामून , चंदन , केले आदि के वृक्ष व पौधे है यह सब श्रीनाथजी के मन्दिर में पधराये जाते है |
||जय श्री कृष्ण||
॥ जय श्री महा-गणेश ॥ ओम महा-गणेशया नमः ||
ReplyDeleteThe concept of RESURRECTION IS OUT-OF-THE-SCOPE of the Gita.krishna was a mere spirit. Krishna was NOT resurrected. krishna was Harim which means embodiment of lord vishnu. krishna was NOT resurrected , but GANESH was resurrected. Vishnu/Hari was resurrected.
॥ जय श्री महा-गणेश ॥ ओम महा-गणेशया नमः ||